उज्जैन (Ujjain) के महाकाल मंदिर में नए नियम लागू किए गए है. भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए अब भक्तों को खास तरह की आईडी की जरूरत होगी. इससे पहले भी RFID के जरिए मंदिर में एंट्री (Mahakal Mandir Entry New Rules) दी जाती थी. लेकिन, शुक्रवार से RFID लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. भस्म आरती में शामिल होने के लिए भक्तों की एंट्री में सख्ती लाई गई है. अगर आपके पास RFID नहीं होगा, तो आपको भस्म आरती में शामिल होने से मना कर दिया जाएगा.
अवैध वसूली रोकने की कोशिश
महाकाल बाबा की हर दिन सुबह भस्म आरती दर्शन के लिए देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सीमित और ऑनलाइन अनुमति नहीं होने के कारण काफी समय से कुछ लोग भस्म आरती के नाम पर अवैध वसूली कर रहे थे. कई बार श्रद्धालुओं के साथ भस्म आरती के नाम पर हजार रुपये की ठगी के मामले भी सामने आए हैं. इसी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार से RFID बैंड योजना शुरू कर दी. अब महाकाल, महालोक, मानसरोवर भवन से जनरल और अवंतिका द्वार पर श्रद्धालुओं के मोबाइल नंबर बताने पर रिस्ट बैंड पर QR कोड प्रिंट कर तत्काल श्रद्धालुओं को दिया जाएगा.
भस्म आरती काउंटर पर होगी चेकिंग
इस संबंध में महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भस्म आरती में श्रद्धालु को एंट्री के समय कलाई पर RFID बैंड बांधा जाएगा. शुक्रवार सुबह भस्म आरती के दौरान कलेक्टर नीरज सिंह ने इसकी शुरुआत की. सुबह सभी भक्तों की कलाई पर RFID बैंड बांधने के बाद ही प्रवेश दिया गया. अब मंदिर में प्रवेश लेने के बाद सभी भस्म आरती काउंटर पर RFID बैंड चेक होगा. बैंड की चेकिंग से फर्जी और अनधिकृत प्रवेश पर रोक लग सकेगी. सभी भक्तों को भस्म आरती के दौरान इसे पहनना अनिवार्य होगा.