सौम्या चौरसिया को हाई कोर्ट से फिर लगा झटका, जेल में रहना होगा
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया को कोयला घोटाला (Coal Scam) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering ) मामले में मिली जमानत के बाद भी जेल में रहना होगा. दरअसल, आय से अधिक संपत्ति के नए मामले में बिलासपुर हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिलने के कारण उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं, जिससे उन्हें अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी वापस लेनी पड़ी.
आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसीं सौम्या चौरसिया
सौम्या चौरसिया के खिलाफ 2 जुलाई 2024 को निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू और समीर विश्नोई के साथ मिलकर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में तीन नई एफआईआर दर्ज की गईं थी. कोयला घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद सौम्या ने इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत की अपील की थी. हालांकि, न्यायालय ने उन्हें इस मामले में कोई राहत नहीं दी, जिसकी वजह से उन्हें वापस जेल लौटना पड़ा.
कोर्ट ने 10 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर भेजा
ईओडब्ल्यू की टीम ने रायपुर जेल में जाकर सौम्या चौरसिया को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 10 दिनों की एसीबी कस्टोडियल रिमांड पर भेज दिया गया. कस्टोडियल रिमांड मिलने के बाद सौम्या की अग्रिम जमानत अर्जी अप्रासंगिक हो गई, जिसके चलते इसे कोर्ट से वापस लेना पड़ा.
अब नियमित जमानत याचिका करनी होगी दाखिल
अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद सौम्या चौरसिया को जेल से बाहर आने के लिए अब नियमित जमानत याचिका दाखिल करनी होगी. उनके वकीलों का दावा है कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते लगातार विभिन्न मामलों में फंसाया जा रहा है. उनका कहना है कि सौम्या को बार-बार अलग-अलग मामलों में उलझाकर जेल में रखा जा रहा है, जो न्याय के लिए एक चुनौती है.
कोयला घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में भी फंसी थीं सौम्या
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया को ईडी ने 2 दिसंबर 2022 को कोयला घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था. उन पर छत्तीसगढ़ में कोयला व्यापारियों से अवैध रूप से 570 करोड़ रुपये की उगाही करने का आरोप है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में सशर्त जमानत मिलने के बाद भी आय से अधिक संपत्ति के नए मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई, जिससे उनकी कानूनी लड़ाई और कठिन हो गई है.