21 ग्रंथों के 3100 श्लोक हैं मुंह जुबानी याद, कंप्यूटर से भी तेज है इस बच्चे का दिमाग,
मथुरा : 10 साल का माधव दास का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज है. श्रीमद् भागवत और अन्य वेदों में से या उपनिषदों में से आप कोई सा भी श्लोक कहीं से भी पूछ लीजिए, माधव दास बिना देरी किए झट से आपको बता देगा, कि कौन सा श्लोक कहां पर है, कौन से पेज पर अंकित है. इस बच्चे का दिमाग ढाई साल से कंप्यूटर की तरह काम करता है. इतना ही नहीं जब यह बच्चा ढाई साल का था, तो उसने वेदों के श्लोक बोलना शुरू कर दिया था.
जिस उम्र में बच्चे अपने आपको ठीक से संभाल नहीं पाते, उस उम्र में इस बच्चे ने ग्रंथों के श्लोक को पहचानना और उन्हें बोलना सीख लिया था. इस बच्चे की प्रतिभा के लोग ही नहीं बल्कि स्वयं प्रेमानंद महाराज भी दीवाने हो गए. इस बच्चे का जन्म वृन्दावन में हुआ. वृन्दावन में जन्म होने के पश्चात् केवल ढाई साल का होने के बाद यह बच्चा ग्रंथों के श्लोक लोगों को सुनाने लगा. घर के सभी सदस्य इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हैं. दस वर्ष का होने के बाद अब ये भागवत कथा करने के लिए विदेश जायेगा. करीब आधा दर्जन से अधिक देशों में इसकी भागवत कथा का कार्यक्रम होना है. इस बच्चे को 21 ग्रंथों के करीब 3100 श्लोक याद हैं. लोगों को सेमिनार के जरिये भी सनातन धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक भी कर रहा है. दस वर्ष के माधव दास ने लोगों को अपने इस खास हुनर से कायल कर रखा है. जिस जगह माधव जाता है, उस जगह लोग इसके श्लोक सुनते ही मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. बड़े-बड़े सेमिनार के जरिये माधव लोगों को गीता का ज्ञान दे रहे हैं. गीता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
बाल व्यास माधव दास के पिता पवन दुबे ने कहा कि उन्होंने काफ़ी दुख और परेशानी झेली है. बेटे ने ढाई साल की अवस्था में ये महसूस करा दिया कि अब हम लोगों के दुख के दिन ख़त्म होने वाले हैं. जिस अवस्था में बच्चा सही से बोल नहीं पाता है, उस अवस्था में इसने श्लोक सुनना शुरू कर दिया था. इसके बारे में तब जानकर और ख़ुशी मिली, जब इसने दस वर्ष के आयु में 21 ग्रंथों के 3100 श्लोक रट लिए. आज ये कई बड़े स्कूलों और यूनिवर्सिटी में अपना लेक्चर देने के लिए इसे लोग बुलाते हैं. माधव के पिता ने कहा कि इसका जन्म 2014 में वृन्दावन में हुआ. इसकी पढ़ाई इस्कॉन वृंदावन से चल रही है.